cg Me Janjati

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Cg Me janjati

Cg ki Janjati

CG ME JANJATI – यहाँ पर हम छत्तीसगढ़ में जनजातियो से संबधित जानकारी दे थे है सामान्य यह जानकारी सामान्य ज्ञान और परीक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है इसमें से अनेको जानकारियाँ ऐसी है जो परीक्षा में पूछी है है और अक्सर परीक्षा में पूछी जाती है

  • जनजातियो के बारे में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 में लिखा गया है
  • भारत में कुल 705 जनजातियाँ पायी जाती है
  • छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियाँ पायी जाती है
  • भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 8.6% जनजातीय जनसंख्या है
  • छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या का 30.62% जनजातीय जनसंख्या है
  • भारत की सबसे बड़ी जनजाति भील है जबकि छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जनजाति गोंड है
  • भारत में सबसे अधिक जनजातीय जनसंख्या मध्य प्रदेश में है
  • छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक जनजातीय जनसंख्या जशपुर में है
  • भारत में सबसे अधिक जनजातीय प्रतिशत मिजोरम में है
  • छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक जनजातीय प्रतिशत सुकमा है

जनजातीय प्रावधान

छत्तीसगढ़ की जनजातियो के बारे में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 की धारा 20 में लिखा गया है मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 में यह लिखा हुआ है की छत्तीसगढ़ में कौन कौन सी जनजातियाँ है इसके अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियाँ है इन 42 जनजातियो को 161 उपजातियो में बांटा गया है

छत्तीसगढ़ जनजातीय अनुसंधान केंद्र

छत्तीसगढ़ जनजातीय अनुसंधान केंद्र नवा रायपुर में है इसका गठन 2 सितम्बर 2004 को किया गया था यह भारत का 15 क्रम का जनजातीय अनुसंधान केंद्र है

छत्तीसगढ़ नृजातीय म्यूजियम

छत्तीसगढ़ का एक मात्र नृजातीय म्यूजियम जगदलपुर बस्तर में है इसकी स्थापना 1972 में एन्थ्रोपोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने की थी इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की जनजातियो का अध्ययन करना है

अनुसूचित जनजाति विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 फरवरी 2019 को अनुसूचित जनजाति विकास प्राधिकरण का पुनर्गठन किया है और तीन आदिवासी विकास प्राधिकरण बनाए जो इस प्रकार से है

बस्तर आदिवासी विकास

बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन 27 फ़रवरी 2019 में हुआ इसका मुख्यालय जगदलपुर में है इसके सचिव बस्तर के संभाग आयुक्त होते है और इसके अंतर्गत सम्पूर्ण बस्तर आता है

सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण

सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन 27 फ़रवरी 2019 को किया गया था इसका मुख्यालय अंबिकापुर में है इसके सचिव सरगुजा के संभाग आयुक्त होते है

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन 27 फ़रवरी 2019 को हुआ था इसका मुख्यालय रायपुर में है इसके सचिव रायपुर के संभाग आयुक्त होते है इसमें बिलासपुर , रायपुर और दुर्ग संभाग आता है

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन 26 अगस्त 2020 को किया गया था इसका मुख्यालय रायपुर में है इसमें सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ आता है

जनजातियो के विकास का पंचशील सिद्धांत

जनजातियो का पञ्चशील सिद्धांत 1955 में पंडित जवाहर लाल नेहरु जी के द्वारा जगदलपुर में दिया गया था इसके अनुसार छत्तीसगढ़ के लिए पांच बाते कही गई थी जिससे की जनजातियो का विकास हो और साथ ही उनका संरक्षण भी हो

केंद्र सरकारी द्वारा घोषित छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजाति

बैगा जनजाति

बैगा जनजाति को केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है बैगा जनजाति वास्तव में गोंड जनजाति का ही एक प्रकार या शाखा है छत्तीसगढ़ में बैगा जनजाति मुख्य रूप से कवर्धा , गोरेला पेंड्रा मरवाही बिलासपुर में मेकल पर्वत श्रेणी के आसपास पायी जाती है बैगा जनजाति के लोग झाड़ फूंक पूजा पाठ आदि से सम्बंधित कार्य करते है

अबूझमाड़ियां

छत्तीसगढ़ की अबुझमाड़ियां जनजाति को केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है छत्तीसगढ़ में अबूझमाड़िया जनजाति मुख्य रूप से अबूझमाड़ जिला नारायणपुर में पायी जाती है यह छत्तीसगढ़ की सबसे पिछड़ी जनजाति मानी जाती है अबूझमाड़ियां जनजाति को अज्ञात भी कहा जाता है क्योकि इसके बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं है

पहाड़ी कोरवा

पहाड़ी कोरवा जनजाति को केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है कोरवा जनजाति की एक शाखा है कोरवा जनजाति की दो शाखा है पहाड़ी कोरवा और दिहाड़ी कोरवा जिसमे से पहाड़ी कोरवा को भारत सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है

बिरहोर

केंद्र सरकार ने बिरहोर को भी विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है बिरहोर जनजाति मुख्य रूप से रायगढ़ , जशपुर , कोरबा , बिलासपुर में पायी जाती है छत्तीसगढ़ के साथ है झारखण्ड में भी बिरहोर जानजाति की जनसंख्या काफी है

राज्य सरकार के द्वारा घोषित विशेष पिछ्डी जनजाति

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने निम्नलिखित दो जनजातियो को विशेष पिछड़ा घोषित किया है

भुंजिया जनजाति

छत्तीसगढ़ में भुंजिया जनजाति मुख्य रूप से गरियाबंद में पायी जाती है इसे अलावा भुंजिया जनजाति ओडिशा के कालाहांडी में भी पायी जाती है यह जनजाति लोहे से दागकर ईलाज करने का काम करती है

पंडो जनजाति

यह छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा घोषित विशेष पिछड़ी जनजाति है यह मुख्य रूप से सरगुजा संभाग में पायी जाती है इनके लिए पंडो विकास अभिकरण का गठन भी किया गया है

छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ

छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियाँ पायी जाती है जिनको 161 उपजातियो में विभाजित किया गया है यहाँ पर हम आपको इनका संक्षिप्त परिचय दे रहे है

गोंड जनजाति

गोंड छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जनजाति है छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक प्रजातियाँ गोंड जनजाति की है वैसे तो गोंड जनजाति सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में पायी जाती है

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