छत्तीसगढ़ के प्रमुख नारे और प्रतीक चिन्ह | Chhattisgarh Ke Pramukh Nare Aur Pratik Chinh

Chhattisgarh Ke Pramukh Nare Aur Pratik Chinh – यहाँ पर हम छत्तीसगढ़ के प्रमुख नारे और प्रतीक चिन्ह के बारे बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे – विश्वसनीय छत्तीसगढ़ , गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ , हमने बनाया है हमी सवारेन्गे , छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैसा , छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना , छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष साल , छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा , छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत अरपा पैरी के धार आदि से सम्बंधित जानकारी दी गई है

छत्तीसगढ़ के प्रमुख नारे और प्रतीक चिन्ह

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु 

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैसा है जिसका अंग्रेजी नाम bubalus bubalise है वन भैसा को वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु घोषित किया गया था , छत्तीसगढ़ में नर वन भैसे का नाम आरना और मादा वन भैसे का नाम आरनी है , छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से वन भैसे पामेड और इन्द्रावती नेशनल पार्क में अधिक है वन भैसे दलदली स्थान पर रहते है जहां लम्बी घास होती है ऐसे स्थान को कुरुट वन कहा जाता है , वन भैसा एक शाकाहारी जीव होता है बाणभट्ट की रचना कादम्बरी में भी वन भैसे का वर्णन किया गया है इसे मृत्यु का प्रतीक बताया गया है वर्तमान में वन भैसे संकट ग्रस्त प्रजाति है , छत्तीसगढ़ सरकार ने वन भैसों पर वर्ष 2019 में डाक टिकट भी जारी किया है

छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी  

छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी पहाड़ी मिअना है पहाड़ी मैना को वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी घोषित किया गया है इनका संकेंद्रण बस्तर संभाग में है पहाड़ी मैना को कांगेर की घाटी नेशनल पार्क में संरक्षित किया गया है पहाड़ी मैना की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है की यह मनुष्य के सामान आवाज निकलती है

छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष 

छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष साल है जिसे छत्तीसगढ़ में सरई भी कहा जाता है छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक साल के वृक्ष बस्तर संभाग में है साल के वृक्ष से सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह उष्णकटिबंधीय पर्णपाती प्रकार के होते है और गर्मियों के मौसम में भी ज़िंदा रह सकते है यह ऊंचे और सीधे होते है , छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सबसे अधिक साल के वृक्ष है जिसके कारण बस्तर को साल के वनों का द्वीप भी कहा जाता है वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में लगभग 40% साल के वन है

छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतीक चिन्ह 

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह को 4 सितम्बर 2001 को मान्यता मिली थी इस प्रतीक चिन्ह में छत्तीस गढ़ों का रंग हरा , अशोक स्तम्भ का रंग लाल , धान की बालियों का रंग सुनहरा , और नदियों का रंग नीला है यह सभी छत्तीसगढ़ राज्य की समृद्धि को दर्शाता है छात्तिस्ग्रह राज्य के प्रतीक चिन्ह में साल के वृक्ष को शामिल नहीं किया गया है

छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा 

छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछा का लोकार्पण 14 अक्टूबर 2021 को श्री भूपेश बघेल ने किया था यह उस समय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है यह टसर सिल्क और खाड़ी का बना होता है छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछे की बुनाई चाम्पा, राजनांदगांव और दुर्ग बालोद के बुनकरों के द्वारा की जाती है , छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछा की लम्बाई 84 इंच और चौड़ाई 24 इंच होती है इसका सरकारी मूल्य 1534 रखा गया है , छत्तीसगढ़ के राजकीय गमछा में पहाड़ी मैना , वन भैसा , की चित्रकारी है

छत्तीसगढ़ में स्थानीय अवकाश 

छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ में इन अवसरों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है जो की इस प्रकार से है

  • हरेली
  • तीजा हरतालिका
  • कर्मा जयंती
  • विश्व आदिवासी दिवस
  • छठ पूजा
  • छेर छेरा पुन्नी
  • शाकंभरी जयंती
  • नवाखाई

छत्तीसगढ़ का प्रतीक वाक्य 

छत्तीसगढ़ सरकार का वर्तमान प्रतीक वाक्य गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ है यह वाक्य कांग्रेस सरकार के समय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी 2019 में दिया था इसके पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ का प्रतीक वाक्य विश्वसनीय छत्तीसगढ़ दिया था और छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ का प्रतीक वाक्य हमने बनाया है हम ही सवांरेंगे दिया है

छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत

छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत अरपा पैरी के धार है इसका राजपत्र में प्रकाशन 18 नवम्बर 2019 को हुआ था छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत का चयन छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के द्वारा किया गया था छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत अरपा पैरी के धार को सभी शासकीय कार्यक्रम की शुरवात में गाया आजाता है इसमें चार नदियों के नाम महानदी , अरपा नदी , इन्द्रावती नदी , पैरी नदी का नाम आता है और छत्तीगसढ़ के सात जिलो का नाम आता है जो इस प्रकार है – दुर्ग , रायपुर , बिलासपुर , राजनांदगांव , बस्तर , रायगढ़ , सरगुजा छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत को वाद्ययंत्रो के साथ गाने में 6 मिनट 36 सेकण्ड का समय लगता है जबकि इसकी मानकीकृत रूप गाने में केवल 1 मिनट 15 सेकण्ड का समय लगता है

छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा छत्तीसगढ़ी 

छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा छत्तीसगढ़ी है छत्तीसगढ़ी भाषा का प्राचीन नाम कोसली है यह काफी प्राचीन भाषा है और प्राचीन काल से ही इस क्षेत्र में बोली जा रही है

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी – 
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