जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान General Science Biology Gk Questions

जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान General Science Biology Gk Questions – यहाँ पर जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान General Science Biology Gk Questions दिए गए है जो की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगी है साथ ही इसमें परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को भी जोड़ा गया है

  1. सार्वभौमिक गुणसूत्र (Universal Genetic Code): सभी जीवों का जैविक कोड (DNA) समान रूप से कार्य करता है, जो जीवन के मौलिक तत्व को दर्शाता है।
  2. हार्मोनल सिग्नलिंग: हार्मोन शरीर के विभिन्न अंगों के बीच संचार में सहायक होते हैं, जैसे इंसुलिन, थायरॉक्सिन आदि।
  3. वैकल्पिक रूप से प्रजनन (Parthenogenesis): यह एक प्रकार का अण्डज प्रजनन है, जहां महिला केवल अण्डाणु से संतान उत्पन्न करती है।
  4. सी. ओ. डी. (COD): कार्बनिक ऑक्सीजन की आवश्यकता का माप, जैविक पानी में मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा को दर्शाता है।
  5. वेस्टर्न ब्लॉटिंग तकनीक: प्रोटीन को पहचानने के लिए एक तकनीक, जो बायोलॉजिकल रिसर्च में उपयोगी होती है।
  6. माइटोकॉन्ड्रियल DNA (mtDNA): माइटोकॉन्ड्रिया में पाया जाने वाला डीएनए जो मादा से विरासत में प्राप्त होता है।
  7. स्नायु कोशिका: मांसपेशियों की कोशिकाएं जो विद्युत उत्तेजनाओं पर संकुचन (contraction) करती हैं।
  8. प्रोटोजोआ: ये एकलकोशिकीय जीव होते हैं जो जल, मिट्टी और आंतों में पाए जाते हैं।
  9. लाइसोजाइम: एक एंजाइम जो बैक्टीरिया की दीवार को तोड़ता है, जो इम्यून सिस्टम का हिस्सा है।
  10. माइक्रोबायोटा (Microbiota): शरीर के अंदर और बाहर विभिन्न सूक्ष्मजीवों का समुदाय।
  11. स्टीम सेल्स: ये कोशिकाएं विभिन्न प्रकार की अन्य कोशिकाओं में बदलने की क्षमता रखती हैं।
  12. लाइफ साइकिल ऑफ प्लांट: यह जीवनचक्र में विभिन्न अवस्थाओं (जैसे, बीज, अंकुरण, फूल आदि) को दर्शाता है।
  13. जीनोम: किसी जीव का पूरा आनुवंशिक सूचना सेट।
  14. एंडोसाइटोसिस: यह प्रक्रिया तब होती है जब कोशिका बाहरी पदार्थ को अपने अंदर लेती है।
  15. रिजॉर्ब्शन: बडी कोशिकाओं द्वारा बडी मात्रा में पोषक तत्वों को पुनः अवशोषित करना।
  16. लाइफ क्यूब: जैविक प्रणालियों का मौलिक संरचना, जैसे सूक्ष्मजीव, जीवन के परिभाषा में शामिल होते हैं।
  17. जीन-आधारित चिकित्सा: यह तकनीक जीन के स्तर पर उपचार प्रदान करने के लिए उपयोग की जाती है।
  18. प्लास्टिड्स: पौधों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले अणु, जैसे क्लोरोप्लास्ट, जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं।
  19. ऑक्सीजन की कमी (Hypoxia): शरीर में ऑक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति, जो विभिन्न रोगों का कारण बन सकती है।
  20. स्मार्टफोन्स और जीनोमिक डेटा: तकनीकी क्षेत्र में स्मार्टफोन्स का उपयोग जीनोमिक डेटा के अध्ययन के लिए हो रहा है।
  21. पिट्यूटरी ग्रंथि: मस्तिष्क में स्थित एक ग्रंथि जो हार्मोन का स्राव करती है।
  22. प्राकृतिक चयन (Natural Selection): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रकृति केवल उन जीवों को चुनती है जो जीवित रहने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होते हैं।
  23. म्यूटेशन: डीएनए में परिवर्तन जो आनुवंशिक विविधता को उत्पन्न करता है।
  24. कोलाजेन: यह प्रोटीन त्वचा, हड्डियों और संयोजी ऊतकों में पाया जाता है।
  25. एंडोस्पोर: बैक्टीरिया के कुछ प्रकारों द्वारा बनाए गए संरक्षित रूप, जो कठोर परिस्थितियों में जीवित रहते हैं।
  26. आंतरिक परजीवी: ये सूक्ष्मजीव होते हैं जो मेज़बान के शरीर के अंदर रहते हैं।
  27. जैविक प्रतिस्थापन: एक प्रजाति के विलुप्त होने के बाद दूसरी प्रजाति द्वारा उसे बदलना।
  28. सार्वभौमिक एंटीबायोटिक प्रतिरोध: यह एक स्थिति है जहां बैक्टीरिया सभी प्रकार के एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी बन जाते हैं।
  29. आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड: शरीर में निर्मित होने वाले और बाहर से मिलने वाले अमीनो एसिड।
  30. पोटेंशियल डिफरेंस: यह कोशिका के अंदर और बाहर के बीच विद्युत संचार का अंतर है।
  31. विटामिन डी की कमी: यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है और इसकी कमी से रिकेट्स रोग हो सकता है।
  32. केल्विन चक्र: यह पौधों में प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का हिस्सा है।
  33. डीएनए रीप्लिकेशन: यह प्रक्रिया नए डीएनए अणु के निर्माण में मदद करती है।
  34. विषाणु (Virus): यह एक सूक्ष्मजीव है जो केवल जीवित कोशिकाओं के अंदर ही विकसित होता है।
  35. प्लांट हार्मोन: जैसे आक्सिन, सायटोकिनिन, जो पौधों की वृद्धि और विकास को नियंत्रित करते हैं।
  36. ऑटोफैगी: यह कोशिकाओं का एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें वे अपनी खराब या पुरानी संरचनाओं को नष्ट करती हैं।
  37. जैविक डिक्रिप्शन: यह प्रक्रिया जीवों की पहचान करने और वर्गीकृत करने की प्रणाली है।
  38. म्यूकोस: यह श्लेष्मा होता है, जो शारीरिक अंगों में सुरक्षा की भूमिका निभाता है।
  39. पीएच की भूमिका: शरीर में पीएच स्तर का सही होना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  40. डीएनए पुनः संयोजन (Recombination): यह जीनोम में नया संयोजन बनाता है, जिससे आनुवंशिक विविधता उत्पन्न होती है।
  41. गोल्जी कॉम्प्लेक्स: यह कोशिका में प्रोटीन और लिपिड का संश्लेषण और परिवहन करता है।
  42. फोटोसिंथेसिस: पौधों द्वारा सूर्य के प्रकाश से खाद्य का निर्माण करने की प्रक्रिया।
  43. पॉलीप्लॉयडी: किसी जीव के गुणसूत्रों की संख्या का बढ़ना, जैसे गेहूं में देखा जाता है।
  44. एक्टिन और मायोसिन: ये प्रोटीन हैं जो मांसपेशियों की संकुचन में सहायक होते हैं।
  45. लाइव बायोमैट्रिक्स: जैविक सिस्टम का अध्ययन करने के लिए गणितीय और कंप्यूटेशनल मॉडल का उपयोग।
  46. अलैंगिक प्रजनन: बिना युग्म के संतान का उत्पन्न होना, जैसे कुछ बैक्टीरिया में।
  47. आक्सिन: यह पौधों में वृद्धि और विकास में सहायक होता है।
  48. स्मृति कोशिकाएँ: ये कोशिकाएँ इन्फ्लूएंजा और अन्य रोगों के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को याद रखती हैं।
  49. फोटोप्रेरेंस: यह पौधों की वृद्धि में प्रकाश की दिशा के प्रति प्रतिक्रिया है।
  50. कोलेस्ट्रॉल: यह वसा का प्रकार है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है।
  51. क्रोमाटिन: यह डीएनए और प्रोटीन का संयोजन होता है, जो कोशिका में आनुवंशिक सामग्री को व्यवस्थित करता है।
  52. तंत्रिका तंतु (Neurons): यह तंतु विद्युत संकेतों को शरीर के विभिन्न हिस्सों में संचारित करते हैं।
  53. अम्लीय वर्षा: यह पर्यावरणीय प्रदूषण का परिणाम है, जो पर्यावरण और जीवन के लिए हानिकारक है।
  54. ऑक्सिडेटिव तनाव: यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोशिकाओं में मुक्त कणों की अधिकता हो।
  55. ह्युमान जीनोम प्रोजेक्ट: यह परियोजना मानव जीनोम का पूरा नक्शा बनाने के लिए शुरू की गई थी।
  56. मेथनोजेन्स: ये जीवधारी मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं।
  57. मेमोरी ट्रांसफर: मस्तिष्क के तंत्रिका कोशिकाओं में जानकारी का भंडारण और प्रसंस्करण।
  58. माइलिन शीथ: तंत्रिका कोशिकाओं के चारों ओर मोटी परत जो तंत्रिका संचार की गति को बढ़ाती है।
  59. रेगुलेटरी जीन: ये जीन दूसरे जीन के कार्य को नियंत्रित करते
 
 
 
 
 

Leave a Comment

x