harris sultan

harris sultan– हैरिस सुलतान पाकिस्तान मूल के एक आस्ट्रेलियाई मुस्लिम है हरिस पाकिसान के लाहौर शहर से है हैरिस का जन्म पाकिस्तान के एक मुस्लिम परिवार में हुआ यह शुरू से ही एक कट्टर मुसलमान है पर सभी धर्मो का आदर करते है यह रोजाना पांच बार की नमाज अदा करते है और रोजे रखते है लेकिन के समय के बाद हैरिस ने अपना धर्म छोड़ दिया आखिर ऐसा क्या हुआ की इन्होने अपना धर्म छोड़ दिया

WhatsApp Group1 Join Now
WhatsApp Group2 Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

harris sultan

हैरिस सुल्तान (Harris Sultan) ने एक पुस्तक लिखी है, जिसका नाम है “The Curse Of God: Why I Left Islam” यह पुस्तक धर्म और विशेष रूप से इस्लाम धर्म का आलोचनात्मक विश्लेषण से सम्बंधित है । इस पुस्तक में इस्लाम धर्म के बारे में हैरिस की गहरी समझ, सरलतम शैलियों और तर्क सहित इस्लाम की खामियों को समझाने का प्रयास किया है

हैरिस कहते है कि, जब वह 9 ,10 साल के थे, तभी से उन्होंने इस्लाम धर्म की व्यावहारिकता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया वह अपनी मां से ईश्वर के बारे में पूछा करते थे। जैसे ईश्वर कहाँ से आये हैं? उन्होंने संसार की रचना आखिर क्यों की लेकिन उनकी मां हमेशा हैरिस से कह देती की  यह सब अल्लाह का दिया हुआ है। इसके अलावा पास और कोई जवाब नहीं होता था  मुस्लिम (Muslim) बहुल समाज में सवाल पूछना जितना आसान है, जवाब मिलना उतना ही कठिन है  इस्लाम के विषय में तर्क – वितर्क करने वालों को अक्सर गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है । लेकिन हैरिस ने अपनी पुस्तक में चतुराई, बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ इस्लाम का आलोचनात्मक विश्लेषण सबसे सामने प्रस्तुत किया है

जब हैरिस को अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले तब उन्होंने विज्ञान का सहारा लिया । उन्होंने “मल्टीपल यूनिवर्स थ्योरी” के बारे में पढ़ना शुरू किया। ईश्वर को विज्ञान के माध्यम से समझने का प्रयास वे करने लगे और हैरिस ने विज्ञान को ईश्वर की धारणा के खिलाफ एक सबूत और तर्क के रूप में देखना शुरू कर दिया । हैरिस ने रिचर्ड डॉकिन्स (Richard Dawkins) का भी उल्लेख किया है कि, उन्होंने उनकी किताब “The God Delusion” को पढ़ा और बताया कि, कैसे इस पुस्तक ने मुझे धार्मिक रूप से  तार्किक रूप में सोचने के लिए प्रेरित किया। हैरिस कहते हैं, धर्म का केवल एक विकल्प है, “विज्ञान” जो धर्म द्वारा बताई गई प्राकृतिक दुनिया और प्रक्रियाओं को रहस्यमयी बनाने के बजाय हमें हमारे प्रश्नों के जवाब देती है और हमें तर्कपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम करती है

हैरिस सुलतान कहते है की , उनके जीवन में एक ऐसा समय आया जब “भगवान ने किया या बनाया” यह शब्द उनके लिए कोई मायने नहीं रखता था। अपने प्रश्नों को ढूंढने के लिए हैरिस ने बड़े पैमाने पर शोध कार्य करना शुरू कर दिए उन्होंने कई बार कुरान और तफसीर का अध्ययन किया और इस्लाम धर्म की वैधता को समझने के लिए उन्होंने तीन प्रश्न पूछे।

पहला क्या उस ईश्वर के पक्ष में कोई प्रमाण है? दूसरा क्या इस धर्म में दर्शायी गई नैतिकता अच्छी है? तीसरा क्या इस धर्म में विज्ञान सही है यानी क्या यह विज्ञान के नियमों पर खरी उतरती है? 

इन तीनों ही सवालों ने हैरिस को इस्लाम धर्म से दूर कर दिया। इस्लाम की बुनियादी कमियों को स्पष्ट करते हुए हैरिस सुलतान बताते हैं कि, अरबों आकाशगंगाओं के निर्माता अपने निजी जीवन में क्या करते हैं अगर हम उनकी पूजा नहीं करते हैं, तो वह इतना क्रोधित क्यों हो जाते है, नरक में यातना देने की बात क्यों करते हैं? उसका स्वभाव एक बच्चे जैसे क्यों है? यह कैसे देवता है जो कहता है, मेरी पूजा करो नहीं तो मैं तुम्हें हमेशा के लिए नरक में जला दूंगा। आखिर उसे पूजा की आवश्यकता क्यों है? वो जो ईश्वर चाहता है कि, हम उस पर आंख मूंद विश्वास करें, उसके अस्तित्व का कोई परिमाण क्यों नहीं है?

हैरिस ने अपनी पुस्तक में बताया है कि, कुरान में विभिन्न निरर्थक दावे शामिल हैं, जिनका लोग बिना स्पष्टीकरण के पालन करते हैं। वह कहते हैं कि, कुरान (Quran) शराब पीना, सूअर का मांस खाना, संगीत सुनना, शादी से पहले सेक्स करना आदि का खंडन करता है। लेकिन इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई तर्क नहीं देता है।

हैरिस सुल्तान ने बताया की , इस्लाम (Islam) के विषय में अपने विचारों को सार्वजनिक करना आसान नहीं था| (NewsGramHindi, साभार: सोशल मीडिया)

हैरिस बताते हैं कि, इस्लाम, मुस्लिम पुरुषों को यौन उत्पीड़न, बलात्कार, काफ़िर महिलाओं यानी गैर मुस्लिम महिलाओं को जबरन धर्म परिवर्तित कराने के लिए प्रोत्साहित करता रहता है  महिलाओं का अपहरण कर, उनसे मांग करते हैं कि, वह या तो इस्लाम को अपना ले या उन्हें गुलामों के हाथ बेचा जाएगा इस्लामिक परंपरा में सबसे प्रसिद्ध बयानबाजी यह मिलती है कि, इस्लाम ही एकमात्र धर्म है जो महिलाओं को सम्मान देता है। वहीं कुरान की आयतों में पुरुषों को महिलाओं से श्रेष्ठ कहा गया  है। उन्हें महिलाओं का रक्षक बताया गया है।

harris sultan Parents

हैरिस सुलतान के पिता का नाम हैदर अली है जबकि हैरिस की माँ का नाम फक्रुन्निसा है यह दोनों लाहौर पाकिस्तान में रहते है और इनकी इस्लाम धर्म में आस्था है यह उसे मानते है

harris sultan Parents Twitter id

हरिस सुलतान की ट्विटर की आई डी H

 

harris sultan sister

हैरिस की एक बहन है इनका नाम अब तक पता नहीं चला है क्योकि उसे कभी सोशियल मीडिया पर शेयर नहीं किया गया है जैसे ही इसके बार एमे जान्कैर मिलेगी हम आपको सूचना देंगे

harris sultan qualification

हैरिस ने अपना बी टेक बायो टेक्नालाजी विषय से साउथ आस्ट्रेलिया से किया है और ये सेक्युर्लिस्ज्म में काम करते है और अपने विचारों को पुस्तक के माध्यम से प्रसारित करते है

harris sultan age

हैरिस का जन्म 2 दिसंबर 1983 को लाहौर पाकिस्तान के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था वर्तमान में हेरिस 40 साल के है

harris sultan video

हेरिस सुलतान का खुद का एक यूट्यूब चेनल है जिस पर वे अपने वीडियो डालते है हम यहाँ उनके चेनल का लिंक दे रहे है

harris sultan youtube channel 

harris sultan family

हैरिस सुलतान का जन्म पाकिसान के लाहौर में एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ इनके पिता का नाम हैदर अली और इनकी माँ का नाम फक्रुन्निसा है इनकी एक बहन भी है पर उसके नाम के बारे में अभी तक कोई जानकारी मीडिया के सामने नहीं आयी है

harris sultan books

हेरिस सुलतान ने अनेको पुस्तके लिखी है जिसमे उन्होंने धर्म और विज्ञान की तुलना की है उन्होंने बताया है की किस प्रकार से विज्ञान हमें तर्क सहित सोचने और समझने की क्षमता देता है इनके पुस्तके राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय बाजारों में बिकती है और इन्हें पढने वालो संख्या लगातार बढ़ रही है इनकी पुच प्रमुख पुस्तके इस प्रकार से है

The Curse of God: Why I Left Islam

scumbag beggar meaning

“Scumbag beggar” का हिंदी में अर्थ एक अत्यधिक अपमानजनक शब्दावली है। “Scumbag” का मतलब एक नैतिक रूप से गिरे हुए या नीच व्यक्ति से है, और “beggar” का मतलब भिखारी होता है। इस वाक्यांश का उपयोग किसी भिखारी को बेहद नकारात्मक और अपमानजनक रूप में वर्णित करने के लिए किया जाता है, implying कि वह न केवल गरीब है, बल्कि नैतिक रूप से भी घटिया या अनैतिक है। यह एक अपमानजनक और असम्मानजनक शब्द है, जिसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

 

 

WhatsApp Group1 Join Now
WhatsApp Group2 Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Leave a Comment

x